यदि ऐसे ग्लुआन जो मिलकर सफेद रंग बनाए तो ' ग्लूबाल ' नामक अस्थायी कण का निर्माण करेंगे।
3.
सबसे हल्के और सबसे स्थायी कणों से पहली पीढ़ी बनती है जबकि भारी और अस्थायी कण दूसरी और तीसरी पीढ़ी का निर्माण करते हैं।
4.
जो स्थायी कण होते हैं उनकी बहुत लंबी आयु होती है जैसे प्रोटोन अरबों खरबों वर्ष तक रहते हैं जबकि कई अस्थायी कण कुछ ही क्षणों मे क्षय होकर अन्य स्थायी कणो मे परिवर्तित हो जाते है।
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जो स्थायी कण होते हैं उनकी बहुत लंबी आयु होती है जैसे प्रोटोन अरबों खरबों वर्ष तक रहते हैं जबकि कई अस्थायी कण कुछ ही क्षणों मे क्षय होकर अन्य स्थायी कणो मे परिवर्तित हो जाते है।